लक्षय

by 11 years ago
खवाब है  बड़े - बड़े , लक्षय  भी  है  बड़े - बड़े, इरादे भी  है  बड़े - बड़े, दावे भी  है  बड़े - बड़े। पथ पे चलते रहे, पथ पे गतिमान रहे, लक...Read More

साक्षरता

by 11 years ago
मैं छुटकी  प्रातः उठ जाती  माँ घर का कम करती  मैं माँ का हाथ बटाती ।  जब माँ बाजार जाती  मुझे भी साथ ले जाती  मैं बच्चो को पढ़ते देखत...Read More

आदर्श का उत्कर्ष

by 11 years ago
शिक्षिकों ने पढ़ाया, किताबो में पढ़ा, सबने यही सिखाया, लेकिन कल्पना मात्र, आदर्श धरा का धरा रह गया । बचपन से सुनता आया, गानो में गुनगु...Read More
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